रविवार, 28 फ़रवरी 2010

बुंदेलखंड में रंगोत्‍सव

बुंदेलखंड में रंगो का पर्व होली मनाने की परंपरा बहुत पुरानी है। बुंदेलखंड के फाग गीत भी बहुत लोकप्रिय है। एक समय था जब बुंदेलखंड की रियासतों में राजे-रजावड़े राज करते थे। उस समय होलिकोत्‍सव और वसंतोत्‍सव को राजसी ठाट-बाट के साथ मनाया जाता था। अब न रियासतें रहीं न रजवाड़े लेकिन बदले हुए रूप में होलिकोत्‍सव आज भी मनाया जाता है।

होली का नाम सुनते ही बरबस बुंदेली फागों का स्‍मरण हो आता है लेकिन फागों के बारे में यह भ्रांति है कि ये सिर्फ होली या रंगोत्‍सव के लिए हैं। वास्‍तव में बुंदेली फाग गीत बुंदेलखंड के लो गीतों की एक विधा है और इसका दायरा बहुत व्‍यापक है। होली के साथ ही बुंदेली फाग कमोबेश हर अवसर पर गाई जाती हैं। इसे विस्‍तार से पढ़ें ...

उदकक्ष्‍वेड़ि‍का …यानी बुंदेलखंड में होली

गुरुवार, 27 अगस्त 2009

केंद्रीय बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण- कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना

केंद्रीय बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के गठन को लेकर कांग्रेस, भाजपा और बसपा के बीच तूतू मैंमैं चल रही है। मध्‍य प्रदेश की भाजपा सरकार और यूपी की बसपा सरकार इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के खिलाफ एकजुट होकर विरोध कर रही हैं। कांग्रेस ने दोनों राज्‍यों में अपनी प्रदेश इकाइयों को इस विरोध के खिलाफ एकजुट कर मुकाबला करने का रास्‍ता अख्तियार किया है। लेकिन कांग्रेस नेता केंद्रीय बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण की आड़ में अब पृथक बुंदेलखंड राज्‍य बनाने की बात कर रहे हैं।

केंद्रीय बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण का विरोध छोड़ें
पृथक बुंदेलखंड : सच्‍चाई यह भी -1

गुरुवार, 13 अगस्त 2009

अशोक वाजपेयी अपने गृहनगर में

सागर (डेली हिंदी न्‍यूज़)। साहित्‍य अभी भी मानता है कि विचार ही दुनिया को बदलते हैं। साहित्‍य हमें धीरज देता है। वह हमें समय की सीमा से मुक्‍त होने और भौगोलिक सीमाओं को तोड़ने का अवसर देता है। यह बात देश के ख्‍यातिनाम कवि और मुखर आलोचक अशोक वाजपेयी ने बुधवार को यहां कही। वे डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्‍वविद्यालय की ओर से स्‍वर्ण जयंती हॉल में आयोजित डॉ. गौर व्‍याख्‍यानमाला में “साहित्‍य क्‍यों” विषय पर बोल रहे थे।

पूरा समाचार पढ़ें

शनिवार, 16 अगस्त 2008

एक वर्ष का सफर... मंजिल अभी दूर

बुंदेलखंड के इस शहर यानि सागर से इंटरनेट पर एक ऑनलाइन समाचारपत्र शुरू करने का विचार कभी किसी को व्‍यवहारिक नहीं लगा. दोस्‍तों को समझाने के लिए बहुत जद्दोजहद की, अपने आप को भी समझाना पड़ा कि यह सही फैसला है. लेकिन आज यह कहते हुए खुशी है कि डेली हिंदी न्‍यूज़ डॉट कॉम ने एक वर्ष का सफर पूरा कर लिया है. डेली हिंदी न्‍यूज़ के पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएं. उम्‍मीद करता हूं कि आपका स्‍नेह बना रहेगा.....
आगे पढ़ें

शुक्रवार, 11 अप्रैल 2008

बुंदेलखंड इन्‍वेस्‍टर्स मीट के समाचार

बुंदेलखंड इन्‍वेस्‍टर्स मीट के समाचार पढ़ने के लिए डेली हिंदी न्‍यूज डॉट कॉम के मुख्‍य जालस्‍थल पर जाएं
बुंदेलखंड इन्‍वेस्‍टर्स मीट में 30 हजार करोड़ के करारनामों पर हस्ताक्षर मुख्‍यमंत्री ने किया बुंदेलखंड इन्‍वेस्‍टर्स मीट का शुभारंभ
सागर की लाखा बंजारा झील के सौंदर्यीकरण के काम की शुरुआत
पूंजीनिवेश से खुलने वाली इकाइयों में स्‍थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिलेगी

डेली हिंदी न्‍यूज डॉट कॉम सागर व बुंदेलखंड से प्रकाशित होने वाला एकमात्र ऑनलाइन हिंदी समाचारपत्र है. यहां आप सागर के ताजा स्‍थानीय समाचारों का विवरण देख सकते हैं.

मंगलवार, 8 अप्रैल 2008

डेली हिंदी न्‍यूज के सहयोगी जालस्‍थल

सागर का प्रथम ऑनलाइन हिंदी समाचारपत्र अब एकदम नए स्‍वरूप में

डेली हिंदी न्‍यूज

सागर के ताजा हिंदी समाचारों के लिए देखें

सागर: भारत का हृदय

सागर के बारे में जानकारियां देने वाला जालस्‍थल, डेली हिंदी न्‍यूज का एक हिस्‍सा.

बुंदेलखंड समाचार

बुंदेलखंड के ताजा समाचार (यह जालस्‍थ्‍ाल अभी निर्माणाधीन है)

बुंदेलखंड का पहला ऑनलाइन समाचारपत्र डेली हिंदी न्‍यूज

डेली हिंदी न्यूज (डीएचएन) मध्‍यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में सागर से वर्ल्डवाइड वेब पर प्रकाशित होने वाला अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला ऑनलाइन हिंदी समाचारपत्र है. इंटरनेट पर आज दुनिया भर की जानकारी मौजूद होने के बावजूद सागर की गैरमौजूदगी आश्चर्यचकित करने वाली है. डीएचएन इसी कमी को समाप्त करने का एक प्रयास है.

अपने ही शहर के ताजा समाचारों को जानने के लिए सागरवासियों को अगली सुबह होने तक इंतजार करना पड़ता है. डेली हिंदी न्यूज (डीएचएन) ने अब इस इंतजार को खत्म कर दिया है. डेली हिंदी न्यूज (डीएचएन) का उद्देश्य सागरवासियों को स्थानीय घटनाओं के बारे में ताजा जानकारियों से अवगत कराए रखना है, फिर चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में रहते हों. डीएचएन शहर के हर छोटे-बड़े घटनाक्रम को रोचक और निष्पक्ष तरीके से आप तक उसी वक्त पहुंचाएगा.

डेली हिंदी न्यूज (डीएचएन) अवेयर मीडिया ग्रुप की इकाई है. इस वेबसाइट पर प्रकाशित किसी भी सामग्री का व्यावसायिक उपयोग करने से पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है. प्रकाशित सामग्री पर डेली हिंदी न्यूज (डीएचएन) का कॉपीराइट एक्ट के तहत स्वत्वाधिकार है.
डिस्क्लेमर: डेली हिंदी न्यूज (डीएचएन) वेबसाइट पर प्रकाशित समाचारों में वक्ताओं द्वारा व्यक्त विचारों से डेली हिंदी न्यूज (डीएचएन) की सहमति जरूरी नहीं है.