सागर (डेली हिंदी न्यूज़)। साहित्य अभी भी मानता है कि विचार ही दुनिया को बदलते हैं। साहित्य हमें धीरज देता है। वह हमें समय की सीमा से मुक्त होने और भौगोलिक सीमाओं को तोड़ने का अवसर देता है। यह बात देश के ख्यातिनाम कवि और मुखर आलोचक अशोक वाजपेयी ने बुधवार को यहां कही। वे डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से स्वर्ण जयंती हॉल में आयोजित डॉ. गौर व्याख्यानमाला में “साहित्य क्यों” विषय पर बोल रहे थे।
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