बुंदेलखंड में रंगो का पर्व होली मनाने की परंपरा बहुत पुरानी है। बुंदेलखंड के फाग गीत भी बहुत लोकप्रिय है। एक समय था जब बुंदेलखंड की रियासतों में राजे-रजावड़े राज करते थे। उस समय होलिकोत्सव और वसंतोत्सव को राजसी ठाट-बाट के साथ मनाया जाता था। अब न रियासतें रहीं न रजवाड़े लेकिन बदले हुए रूप में होलिकोत्सव आज भी मनाया जाता है।
होली का नाम सुनते ही बरबस बुंदेली फागों का स्मरण हो आता है लेकिन फागों के बारे में यह भ्रांति है कि ये सिर्फ होली या रंगोत्सव के लिए हैं। वास्तव में बुंदेली फाग गीत बुंदेलखंड के लो गीतों की एक विधा है और इसका दायरा बहुत व्यापक है। होली के साथ ही बुंदेली फाग कमोबेश हर अवसर पर गाई जाती हैं। इसे विस्तार से पढ़ें ...
उदकक्ष्वेड़िका …यानी बुंदेलखंड में होली
bahoot achha likha hai bundelkhand ke samachar
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